ओरल एंटीसेप्टिक और माउथ-वॉश कोरोना को न्यूट्रल कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि संक्रमण के बाद अगर इनसे मुंह की सफाई होती है तो वायरस को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। लैब में हुए प्रयोग में यह साबित भी हो चुका है। अमेरिकी वैज्ञानिकों के मुताबिक, नाक और मुंह की सफाई करके कोरोना को न्यूट्रल किया जा सकता है, इससे संक्रमित शख्स में वायरस की संख्या घटती है।
ऐसे हुई रिसर्च
रिसर्च करने वाली पेनसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि लैब में ओरल एंटीसेप्टिक, माउथ-वॉश और बेबी शैंपू का प्रयोग इंसान में मिलने वाले कोरोनावायरस पर किया गया। फिर इन अलग-अलग चीजों का वायरस पर असर देखा गया। हर 30 सेकंड, 1 मिनट और 32 मिनट बाद असर की जांच हुई। कोरोना किस हद तक खत्म हुआ है, इसे समझने के लिए उस सॉल्यूशन में इंसानी कोशिकाएं डालीं। फिर ये देखा कि कितनी कोशिकाएं जिंदा रहीं।
बेबी शैम्पू से 2 मिनट और माउथ-वॉश से 30 सेकंड में न्यूट्रल हुआ वायरस
जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, बेबी शैम्पू के 1% सॉल्यूशन से भी दो मिनट में 99.9 तक कोरोनावायरस को निष्क्रिय यानी न्यूट्रल किया जा सकता है। अगर माउथ-वॉश का प्रयोग करते हैं तो 30 सेकंड तक गरारा करके 99.99% तक कोरोनावायरस को न्यूट्रल कर सकते हैं। कोरोना मरीजों और क्वारैंटाइन में रह रहे लोगों के लिए माउथ-वॉश और ओरल एंटीसेप्टिक काफी असरदार साबित हो सकता है।
जब तक वैक्सीन नहीं, संक्रमण रोकने का नया तरीका ढूंढना जरूरी
पेनसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट क्रेग मेयर्स का कहना है, जब तक वैक्सीन नहीं है, जब तक कोरोना के संक्रमण को घटाने का नया तरीका खोजने की जरूरत है। हमने वायरस की संख्या घटाने के लिए ओरल एंटीसेप्टिक और माउथ-वॉश का इस्तेमाल किया है। यह आसानी से उपलब्ध है और लोग डेली रूटीन में इस्तेमाल कर भी रहे हैं।
हाल ही में हुईं कई रिसर्च बताती हैं कि नाक और ओरल केविटी कोरोना का एंट्री पॉइंट है, जहां पहुंचकर ये संक्रमण फैलाता है।
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