स्वर कोकिला लता मंगेशकर आज 91 साल की हो गईं। उनका जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के घर पर हुआ था। वे पांच भाई-बहनों के बीच सबसे बड़ी हैं। इस खास मौके पर बॉलीवुड सिंगर उदित नारायण ने लता दीदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके साथ काम करने का अपना अनुभव दैनिक भास्कर के साथ साझा किया है। उन्होंने बताया कि लता दीदी के साथ गाना गाना ही मेरे जीवन का सबसे बड़ा अवॉर्ड है।
उदित नारायण ने कहा, 'सबसे पहले तो साक्षात सरस्वती, भारत रत्न, कोकिला कंठ को जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयां देना चाहता हूं। पांच-छह साल की उम्र में सरपंच, मुखिया के यहां ट्रांजिस्टर पर दूर खड़ा होकर गाने सुना करता था तो सोचता था कि इसके अंदर बैठकर ये लोग इतना सुंदर कैसे गाते हैं। खैर, काफी संघर्ष करने के बाद मुंबई आया।'
लता दीदी के साथ काम करना भारत रत्न मिलने जैसा
'अपनी जनरेशन में मैंने लता मंगेशकर के साथ सबसे ज्यादा तकरीबन दो-ढाई सौ फिल्मों में गाने गाए हैं। यह मेरे लिए बहुत बड़ा अचीवमेंट है। मुझे भारत सरकार ने 2009 में 'पद्मश्री' और 2016 में 'पद्म भूषण' दिया, लेकिन लता जी के साथ मुझे जो इतना काम करने का मौका मिला वही मेरा सबसे बड़ा अवॉर्ड है। मैं तो समझता हूं कि मुझे भारत रत्न मिल गया। लता जी के साथ कई बार स्टेज शेयर करने का मौका मिला।'
लता दीदी ने स्टेज शो करने के लिए बुलाया तो रात भर सो नहीं पाया
'यह बात 1 दिसंबर, 1992 की है। लता जी ने लोगों से कहा कि इस शो में मुझे उदित नारायण चाहिए। मुझे जब खबर मिली कि लता दीदी ने इस तरह की बातें की हैं, तब खुशी के मारे रात भर सो नहीं पाया। सौभाग्य से 1 दिसंबर को मेरा जन्मदिन भी रहता है। जब गाने के लिए गया तो उन्होंने अनाउंसर हरीश भिमाणी जी से कहा कि स्टेज पर मुबारकबाद देने के बाद मेरी तरफ से उन्हें 'प्रिंस आफ प्लेबैक सिंगिंग' का टाइटल दे देना। इतना ही नहीं उन्होंने मुझे गोल्ड की एक चैन भी स्टेज पर भेंट की थी।'
DDLJ की रिकॉर्डिंग के समय लता दीदी को देख नर्वस हो रहा था
'फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का गाना- मेहंदी लगा के रखना... गा रहा था तब तक स्टूडियो में मेरे सामने आकर लता दीदी बैठ गईं। उन्हें सामने देखकर मैं नर्वस हो रहा था। मैंने कहा- दीदी आप सामने बैठी रहेंगी तो मैं कैसे गा पाऊंगा। उन्होंने कहा- मैं तुम्हें ही सुनने के लिए यहां आई हूं। लेकिन उनके सामने गाना गा पाना मेरे लिए संभव नहीं था। फिर उन्होंने कहा आप कुछ भी कर लो, लेकिन आज मैं यहां बैठकर आपका गाना सुनूंगी।'
'खैर जब लगा कि मैं नर्वस हो जाऊंगा, तब वे मुझे जोक वगैरह सुनाने लगीं। बाद में यश चोपड़ा जी आए। उन्होंने खाना वगैरह मंगाया। हम सबने साथ में खाना खाया बाद में वे रिकॉर्डिंग रूम के पास चली गईं और कहा कि मैं यहां बैठकर आपका गाना सुनूंगी। फिर मैंने मेहंदी लगा के रखना... गाना गाया था।'
भोली सी सूरत... गाने में लता जी का सिर्फ आलाप है
'उस जमाने में लता जी कई बार फिल्ममेकर से अपने साथ गाने के लिए मेरा नाम लेती थीं। भोली सी सूरत आंखों में मस्ती दूर खड़ी शर्माए... गाना माधुरी दीक्षित और शाहरुख खान पर फिल्माया गया है। यह मेरा सोलो गाना था, लेकिन इसमें लता जी सिर्फ आलाप दे रही हैं। दरअसल सिचुएशन ही ऐसी थी कि फिल्म में शाहरुख खान गाना गाते हैं और माधुरी दीक्षित बीच-बीच में आलाप करती हुई दिखाई देती है।'
घर पर आईं तो कहने लगीं एक चाय और हो जाए
'वीर-जारा' के गाने जानम देख लो मिट गई दूरियां... में स्वर्गीय मदन मोहन जी का म्यूजिक था, जिसे मैंने गाया था। जब लता जी ने यह गाना सुना तो मुझे फोन करके कहने लगीं, आपको बहुत-बहुत बधाई हो। आपने मदन भैया का गाना बहुत अच्छा गाया है। उनसे तारीफ सुनकर मैं सोच में पड़ गया। फिर उन्होंने बताया मैं स्टूडियो में रिकॉर्डिंग करने आई हूं।
मैंने उनसे गुजारिश की कि आप मेरे घर के पास में ही हैं। घर पर आकर आपका आशीर्वाद मिल जाए तो खुद को सौभाग्यशाली समझूंगा। खैर पहले तो मना करने लगी, लेकिन 2 घंटे बाद देखा तो उनकी गाड़ी मेरे घर के सामने आकर खड़ी हो गई।
दीदी घर पर आईं तो हम सबने मिलकर साथ में चाय पी और पोहे खाए। उस समय मेरे माताजी-पिताजी घर पर आए हुए थे, तब दीदी ने उनसे लगभग 4 घंटे तक बातें की। जाने का वक्त हुआ, तब कहने लगे कि दार्जिलिंग की एक चाय और हो जाए। खैर, उनका आशीर्वाद पाकर अभिभूत रहा। जाते वक्त उनके चरणों में अपना माथा रखकर आशीर्वाद लिया।
मुझे 'दिल तो पागल है', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'वीर-जारा', 'सातवां आसमान', 'दुश्मन' समेत कई अन्य फिल्मों में उनके साथ गाने का सौभाग्य मिला।'
(जैसा उदित नारायण ने उमेश कुमार उपाध्याय को बताया)
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