रविवार को सूर्य ग्रहण है। महाभारत युद्ध में भी सूर्य ग्रहण हुआ था। इस ग्रहण की वजह से अर्जुन ने जयद्रथ का वध कर दिया था। जयद्रथ सिंधु देश का राजा था। जब पांडव 12 वर्ष के वनवास पर थे, तब एक दिन जयद्रथ उसी जंगल में गुजरा, जहां पांडव रह रहे थे। उस समय आश्रम में द्रौपदी को अकेला देख जयद्रथ ने उसका हरण कर लिया था। जब पांडवों को ये बात मालूम हुई तो जयद्रथ को बंदी बना लिया और भीम ने जयद्रथ के बाल मूंडकर पांच चोटियां रख दी थी।
युद्ध में जयद्रथ की वजह से हुई अभिमन्यु की मृत्यु
युद्ध में द्रोणाचार्य ने युधिष्ठिर को बंदी बनाने के लिए चक्रव्यूह की रचना की। इस व्यूह के मुख्य द्वार पर जयद्रथ को नियुक्त किया। योजना के अनुसार कुछ योद्धा अर्जुन को युद्ध के लिए दूर ले गए। अभिमन्यु व्यूह में प्रवेश कर गया, लेकिन जयद्रथ ने युधिष्ठिर, भीम और नकुल-सहदेव को बाहर ही रोक दिया। चक्रव्यूह में फंसकर अभिमन्यु की मृत्यु हो गई।
अर्जुन ने ली थी जयद्रथ का वध करने की प्रतिज्ञा
जब अर्जुन को पता चला कि अभिमन्यु की मृत्यु का कारण जयद्रथ है तो अर्जुन ने प्रतिज्ञा ली कि कल मैं जयद्रथ का वध कर दूंगा या स्वयं अग्नि समाधि ले लूंगा। इसके बाद अगले दिन पूरी कौरव सेना जयद्रथ की सुरक्षा में लग गई। श्रीकृष्ण ने देखा कि सूर्य अस्त होने वाला है, तब उन्होंने अपनी माया से सूर्य ग्रहण कर दिया। सभी को लगा कि सूर्य अस्त हो गया है। यह देखकर जयद्रथ असावधान हो गया। जयद्रथ स्वयं अर्जुन के सामने आ गया, तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि तुरंत जयद्रथ का वध कर दो। अर्जुन ने श्रीकृष्ण की बात मानकर जयद्रथ का वध कर दिया।
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