क्या वायरल : सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना के एसिम्पटोमैटिक (कम लक्षणों वाले)मरीज को न तो आइसोलेट होने की ज़रूरत है। न ही क्वारेंटाइन होने की। न हीसोशल डिस्टन्सिंग की। और ये एक मरीज़ से दूसरे में ट्रांसमिट भी नहीं हो सकता। दावे के साथ डब्ल्यूएचओ की प्रेस कॉन्फ्रेंसिंग कावीडियो क्लिप भी वायरल हो रहाहै।
- सोशल मीडिया पर इस तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं
फैक्ट चेक पड़ताल
- सबसे पहले हमने वायरल वीडियो में कही जा रही बातों को ही जब ध्यान से सुना। तो पता चला कि इसमें आइसोलेट या क्वारेंटाइन न होने की जरूरत जैसा कुछ कहा ही नहीं गया। बल्कि यहां सिर्फ एसिम्पटोमैटिक मरीज से अन्य लोगों में संक्रमण की बात कही जा रही है।
- अब हमारे सामने सवाल था किक्या डब्ल्यूएचओ ने एसिम्पटोमेटिक मरीज से दूसरे मरीज में संक्रमण न फैलने की बात कही है? इसकी पड़ताल के लिए हमें वीडियो क्लिप के आगे और पीछे के हिस्से की जरूरत थी। जिसके छोटे से हिस्से को सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। हमें ब्लूमबर्ग के यूट्यूब चैनल द्वारा 9 जून को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला।
- वीडियो में डब्लूयएचओ की महामारी विशेषज्ञ डॉमारिया वान एक सवाल का जवाब दे रही हैं।
- मारिया के जवाब का हिंदी अनुवाद है : हमारे पास ऐसे कई देशों की रिपोर्ट्स हैं। जो काफी डिटेल में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं। हम इन सभी के द्वारा दिए गए डेटा को स्टडी कर रहे हैं। फिर भी अब तक जो जानकारी आई है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि इस तरह का संक्रमण बहुत ही रेयर है। यानी बहुत ही कम मामलों में ऐसा होता है।
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ध्यान देने वाली बात ये है कि मारिया ने सवाल के जवाब में ऐसा नहीं कहा है कि एसिम्पटोमेटिक मरीज से दूसरे लोगों में संक्रमण नहीं फैलता। यह तो बिल्कुल भी नही कहा कि एसिम्पटोमेटिक मरीजों को क्वारेंटाइन होने की जरूरत नहीं है।वीडियो सुनने के बाद हमने डब्ल्यूएचओ की ऑफिशियल वेबसाइट पर एसिम्पटोमेटिक मरीजों से जुड़ी रिपोर्ट खंगालनी शुरू कीं। यहां 11 जून की एक रिपोर्ट हमें मिली।
- इस रिपोर्ट में कहा गया है कि : कोविड-19 के संक्रमण को लेकर दुनिया भर में रिसर्च जारी है। अब तक जो रिपोर्ट्स आई हैं, उनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि एसिम्पटोमैटिक मरीजों से संक्रमण फैलने के मामले बहुत कम हैं। हालांकि, एसिम्पटोमैटिक मरीजों से संक्रमण से जुड़ी स्टडी करना इसलिए भी कठिन है। क्योंकि इसके लिए बड़ी संख्या में टेस्ट करने होंगे। जो कि कई देशों में संभव नहीं है। डब्ल्यूएचओ इस बीमारी के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए दुनिया भर के देशों के साथ काम कर रहा है। इन पहलुओं में एसिम्पटोमैटिक मरीजों से संक्रमण फैलने वाली बात भी शामिल है। इस रिपोर्ट से भी ये स्पष्ट है कि डब्ल्यूएचओ ने एसिम्पटोमैटिक मरीजों से संक्रमण न फैलने जैसी कोई बात नहीं कही है।
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हमारे सामने अब भी यह सवाल था कि डब्ल्यूएचओ ने इस मामले में कोई स्पष्ट बयान दिया है या नहीं। इस सवाल का जवाब दैनिक भास्कर की 11 जून, 2020 की एक स्पेशल रिपोर्ट में मिलता है। इस रिपोर्ट के अनुसार : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 24 घंटों के अंदर अपने उस बयान पर सफाई दी जिसमें उसने कहा था कि बिना लक्षण वाले मरीज से कोरोनावायरस नहीं फैलता। ऐसे मामले दुर्लभ हैं। दुनियाभर में वैज्ञानिकों ने इस बात पर सवाल उठाए तो डब्ल्यूएचओ की महामारी विशेषज्ञ डॉ. मारिया वेन ने सफाई देते हुए कहा, यह एक गलतफहमी थी।
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दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया कि डब्ल्यूएचओ ने पहला कहा था कि कोविड-19 का संक्रमण एसिम्पटोमैटिक मरीजों के जरिए बहुत ही कम मामलों में फैलता है। लेकिन, बाद में डब्ल्यूएचओने ही अपना यह बयान वापस ले लिया। यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
निष्कर्ष : सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे भ्रामक हैं। डब्ल्यूएचओ एसिम्पटोमैटिक मरीजों से संक्रमण न फैलने वाली बात को खुद ही गलत बता चुका है। और एसिम्पटोमैटिक मरीजों से संक्रमण न फैलने वाली बात डब्ल्यूएचओ ने कभी कही ही नहीं।
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