रविवार, 21 जून को आषाढ़ मास की अमावस्या है। इसी दिन सूर्य ग्रहण भी हो रहा है। ग्रहण का सूतक शनिवार की रात से लग जाएगा। सूतक शुरू होने के बाद ग्रहण खत्म होने तक पूजा-पाठ नहीं की जाएगी। सूतक काल में सिर्फ मंत्रों का जाप करना चाहिए।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार ग्रहण का सूतक शनिवार रात 10.14 बजे से शुरू होगा। ग्रहण 21 जून की सुबह 10.14 से प्रारंभ होगा और दोपहर 1.38 बजे खत्म होगा। इसी के साथ सूतक भी खत्म हो जाएगा।
ग्रहण के बाद कर सकेंगे पूजन कर्म
पं. शर्मा के मुताबिक ग्रहण खत्म होने के बाद यानी दोपहर 1.38 बजे के बाद सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें। घर के मंदिर में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं को स्नान कराएं। वस्त्र, हार-फूल आदि शुभ चीजें अर्पित करें। विधि-विधान से पूजा करें।
सूर्यास्त के बाद भी करें पूजा
सूर्यास्त के बाद भी घर के मंदिर में दीपक और कर्पूर जलाकर आरती करें। आंगन में तुलसी है तो उसके पास भी दीपक जलाएं। किसी शिव मंदिर में शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और ऊँ सांब सदाशिवाय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें। हनुमानजी के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
अमावस्या और ग्रहण के योग में दान-पुण्य का है महत्व
ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें और घर में पूजा करने के बाद जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। किसी गौशाला में घास या धन का दान करें। मान्यता है कि ग्रहण के बाद किए गए दान का कई गुना अधिक पुण्य फल मिलता है।
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